Sawan Purnima Kab Hai 2025? जानें तिथि, पूजा विधि और महत्व

जानिए सावन पूर्णिमा कब है, इसकी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व। सावन पूर्णिमा 2025 की तिथि, व्रत, स्नान-दान और रक्षाबंधन से जुड़ी संपूर्ण जानकारी।

Sachin Kumar

11 days ago

Sawan Purnima 2025

Sawan Purnima Kab Hai 2025? तिथि, पूजा विधि और धार्मिक महत्व

सावन का महीना हिंदू धर्म में सबसे पवित्र और शुभ माना जाता है। यह भगवान शिव की आराधना का समय होता है, और इसका समापन होता है सावन पूर्णिमा के दिन। इस दिन का धार्मिक और सामाजिक महत्व इतना गहरा है कि इसे रक्षाबंधन जैसे पावन पर्व से भी जोड़ा जाता है। अगर आप सोच रहे हैं "सावन का पूर्णिमा कब है" या "सावन पूर्णिमा 2025 की तिथि क्या है", तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं।

इस ब्लॉग में हम आपको बताएंगे कि सावन पूर्णिमा कब है, इसकी पूजा विधि क्या है, कौन-से उपाय करने चाहिए, और कैसे यह दिन आपके जीवन में सुख-समृद्धि ला सकता है।

सावन पूर्णिमा का महत्व और तिथि

सावन पूर्णिमा 2025 कब है?

इस वर्ष सावन पूर्णिमा की तिथि दो दिनों तक फैली हुई है:

  • तिथि प्रारंभ: 8 अगस्त 2025, दोपहर 2:12 बजे

  • तिथि समाप्त: 9 अगस्त 2025, दोपहर 1:24 बजे

इस बार व्रत 8 अगस्त को रखा जाएगा, जबकि स्नान और दान का कार्य 9 अगस्त को ब्रह्म मुहूर्त में किया जाएगा।

धार्मिक महत्व

  • यह दिन भगवान शिव, भगवान विष्णु, और माता लक्ष्मी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।

  • इसी दिन रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाता है, जो भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक है।

  • पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा की पूजा और अर्घ्य देना विशेष फलदायी होता है।

सावन पूर्णिमा पर पूजा विधि

सुबह की तैयारी

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करें। यदि संभव हो तो गंगाजल युक्त जल का प्रयोग करें।

  • साफ-सुथरे वस्त्र पहनें और पूजा स्थल को सजाएं।

पूजा सामग्री

  • तुलसी पत्ता, फूल, अक्षत, दीपक, घी, दूध, जल, मिठाई, फल

  • भगवान शिव के लिए बेलपत्र और भगवान विष्णु के लिए तुलसी आवश्यक है

पूजा विधि

  1. भगवान शिव की पूजा:

    • शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र अर्पित करें

    • "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें

  2. भगवान विष्णु की पूजा:

    • विष्णु जी की मूर्ति पर पुष्प और तुलसी अर्पित करें

    • सत्यनारायण कथा का पाठ करें

  3. चंद्रमा की पूजा:

    • चंद्रोदय के समय दूध और जल से अर्घ्य दें

    • चंद्र दोष से मुक्ति के लिए यह पूजा अत्यंत लाभकारी है

सावन पूर्णिमा पर क्या करें और क्या न करें

करें:

  • गंगा स्नान या गंगाजल से स्नान

  • दान: तिल, गुड़, वस्त्र, दीपदान

  • रुद्राभिषेक या शिवलिंग पर जलाभिषेक

  • सत्यनारायण कथा का पाठ

न करें:

  • तामसिक भोजन

  • झूठ बोलना या किसी का अपमान

  • पूजा में तुलसी के बिना भोग अर्पण

सावन पूर्णिमा और रक्षाबंधन का संबंध

सावन पूर्णिमा के दिन ही रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। इस वर्ष रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा।

सावन पूर्णिमा पर विशेष उपाय

मनोकामना पूर्ति के लिए उपाय

  • शिव मंदिर में दीप जलाएं

  • चंद्रमा को अर्घ्य दें

  • भगवान विष्णु की पूजा करें और तुलसी अर्पित करें

  • सत्यनारायण कथा का पाठ करें

पितृ दोष निवारण

  • पितरों का तर्पण करें

  • गंगा स्नान करें

  • ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र दान करें

सावन पूर्णिमा कब है – जानिए शुभ मुहूर्त और चंद्रोदय का समय

  • व्रत तिथि: 8 अगस्त 2025

  • स्नान-दान मुहूर्त: 9 अगस्त 2025, सुबह 4:22 से 5:04 बजे तक

  • चंद्रोदय समय: 9 अगस्त 2025, शाम 7:21 बजे

FAQ Section

सावन पूर्णिमा कब है?

उत्तर: सावन पूर्णिमा 2025 की तिथि 8 अगस्त दोपहर 2:12 बजे से शुरू होकर 9 अगस्त दोपहर 1:24 बजे तक रहेगी। व्रत 8 अगस्त को रखा जाएगा और स्नान-दान 9 अगस्त को किया जाएगा।

सावन पूर्णिमा पर कौन-सी पूजा करनी चाहिए?

उत्तर: इस दिन भगवान शिव, विष्णु और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें। सत्यनारायण कथा का पाठ करें और चंद्रमा को अर्घ्य दें।

क्या सावन पूर्णिमा पर रक्षाबंधन मनाया जाता है?

उत्तर: हां, रक्षाबंधन का पर्व सावन पूर्णिमा के दिन ही मनाया जाता है। इस वर्ष यह 9 अगस्त को मनाया जाएगा।

सावन पूर्णिमा पर क्या दान करना शुभ होता है?

उत्तर: तिल, गुड़, वस्त्र, दीपक और अन्न का दान करना शुभ माना जाता है। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।

सावन पूर्णिमा पर गंगा स्नान क्यों जरूरी है?

उत्तर: गंगा स्नान से पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है। यदि संभव न हो तो गंगाजल युक्त जल से स्नान करें।

निष्कर्ष

सावन पूर्णिमा न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन व्रत, पूजा, दान और भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है। सावन पूर्णिमा कब है—इसका उत्तर जानने के साथ-साथ हमने आपको पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और उपायों की जानकारी भी दी। इस दिन की सही तैयारी और श्रद्धा से की गई पूजा आपके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति ला सकती है।

इस सावन पूर्णिमा पर आप भी अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भरें और भगवान शिव तथा विष्णु की कृपा प्राप्त करें।